करेला भाजी

 

करेला भाजी (Bitter Gourd Sabzi) पोषण से भरपूर होती है, हालांकि इसका स्वाद कड़वा होता है। इसमें कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं। नीचे इसका पूरा विवरण दिया गया है:


🥬 करेला भाजी में पाए जाने वाले प्रमुख न्यूट्रिएंट्स:

पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम करेले में औसतन मात्रा शरीर में कार्य
डायटरी फाइबर 2.6 ग्राम पाचन में सहायक, कब्ज दूर करता है
विटामिन C 84 मिलीग्राम रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है, एंटीऑक्सीडेंट
विटामिन A (बेटा कैरोटीन) 471 IU आंखों की रोशनी में मददगार
फोलेट (B9) 72 माइक्रोग्राम नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायक
मैग्नीशियम 17 मिलीग्राम मांसपेशियों और नसों के कार्यों में सहायक
पोटैशियम 296 मिलीग्राम रक्तचाप नियंत्रित करता है
आयरन 0.43 मिलीग्राम खून की कमी में सहायक
फाइटोकेमिकल्स (चार्टिन, मोमोर्डिसिन) विशेष ब्लड शुगर कंट्रोल में उपयोगी

🧠 करेला भाजी शरीर में कैसे कार्य करती है:

  1. ब्लड शुगर कंट्रोल:
    करेले में “चार्टिन” और “मोमोर्डिसिन” नामक तत्व होते हैं जो इंसुलिन जैसे कार्य करते हैं — यह डायबिटीज़ में लाभदायक है।

  2. पाचन सुधारता है:
    करेले का कड़वापन जिगर को सक्रिय करता है और पित्त रस (bile juice) को उत्तेजित करता है, जिससे भोजन का पाचन बेहतर होता है।

  3. वजन घटाने में मददगार:
    फाइबर से भरपूर होने के कारण यह पेट को भरा हुआ महसूस कराता है और कैलोरी कम होती है।

  4. त्वचा को साफ करता है:
    करेले के एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C त्वचा के लिए फायदेमंद हैं। यह मुंहासे और फोड़े-फुंसी में उपयोगी होता है।

  5. रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है:
    करेले में मौजूद विटामिन C और अन्य पोषक तत्व शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।


⚠️ किसे नहीं खाना चाहिए करेले की भाजी:

स्थिति कारण
गर्भवती महिलाएं करेले में कुछ तत्व गर्भाशय संकुचन (uterine contraction) को बढ़ा सकते हैं, जिससे गर्भपात का खतरा हो सकता है।
शुगर की दवाइयां ले रहे व्यक्ति करेले की भाजी ब्लड शुगर को और अधिक गिरा सकती है — हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा हो सकता है।
कमज़ोर पाचन वाले लोग अत्यधिक कड़वाहट गैस व अपच बढ़ा सकती है।
ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) की कमी वाले व्यक्ति करेले के बीजों में पाए जाने वाले तत्व RBC को नुकसान पहुँचा सकते हैं।

📌 सुझाव:

  • करेले की भाजी को सप्ताह में 1–2 बार शामिल किया जा सकता है।
  • कड़वाहट कम करने के लिए हल्का नमक लगाकर 10–15 मिनट छोड़ दें और फिर पकाएं।
  • अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द, दस्त या ब्लड शुगर गिर सकता है।


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