"पालना" और "परवरिश" — ये दोनों शब्द एक जैसे लगते हैं, लेकिन इनका अर्थ और भाव थोड़ा अलग होता है।


🔹 पालना (Paala / पालना):

  • अर्थ: शारीरिक ज़रूरतों का ध्यान रखना जैसे खाना देना, साफ-सफाई रखना, बीमार होने पर इलाज करवाना आदि।
  • ज़ोर: शरीर की देखभाल पर होता है।
  • उदाहरण:

    माँ ने बच्चे को दूध पिलाकर, समय पर सुलाकर उसका अच्छे से पालन किया।


🔹 परवरिश (Parvarish):

  • अर्थ: बच्चे के मानसिक, भावनात्मक, नैतिक और सामाजिक विकास की देखभाल करना।
  • ज़ोर: सोच, संस्कार, व्यवहार और व्यक्तित्व निर्माण पर होता है।
  • उदाहरण:

    माता-पिता ने उसे अच्छे संस्कार देकर उसकी शानदार परवरिश की।


🔸 मुख्य अंतर (Key Difference):

पहलू पालना परवरिश
फोकस शारीरिक देखभाल मानसिक, नैतिक व भावनात्मक विकास
उदाहरण खाना खिलाना, पहनाना संस्कार देना, सही गलत सिखाना
कौन कर सकता है कोई भी व्यक्ति (जैसे आया) आमतौर पर माता-पिता या संरक्षक

💬 संक्षेप में:

पालना शरीर को बड़ा करता है, परवरिश इंसान को बनाती है।


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