हम जिन 5 लोगों के साथ सबसे ज़्यादा समय बिताते हैं, हम उन्हीं का औसत बन जाते हैं, और छठे व्यक्ति वही बनते हैं" — यह एक बहुत प्रसिद्ध और मान्य सोच है।
✅ हां, यह बात काफी हद तक सही मानी जाती है।
इस विचार का आधार एक प्रसिद्ध उद्धरण है:
"You are the average of the five people you spend the most time with."
– Jim Rohn (मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर)
🔍 इसके पीछे का कारण क्या है?
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विचारों का प्रभाव:
– जिनके साथ आप बैठते हैं, उनके विचार, सोचने का तरीका, आदतें आप पर असर डालते हैं। -
भाषा और व्यवहार:
– धीरे-धीरे उनकी भाषा, हावभाव, सोचने का ढंग आपके भीतर आने लगता है। -
लक्ष्य और ऊर्जा का मेल:
– अगर आप मेहनती और सकारात्मक सोच वाले लोगों के बीच रहते हैं, तो खुद भी वैसा बनने लगते हैं।
– वहीं अगर लोग नकारात्मक या आलसी हैं, तो आपका जोश भी धीरे-धीरे कम हो सकता है। -
प्रेरणा और तुलना:
– अच्छा संगत (company) आपको प्रेरित करती है, और आप खुद से बेहतर बनने की कोशिश करते हैं।
🧠 इसलिए, ध्यान रखें:
- आप किनके साथ सबसे ज़्यादा समय बिताते हैं?
- क्या वो लोग आपको प्रेरित करते हैं, या खींचकर नीचे लाते हैं?
- क्या उनकी आदतें आपकी सेहत, सोच, करियर या आत्म-सम्मान को सकारात्मक दिशा में ले जा रही हैं?
🌱 सुझाव:
- अच्छी संगति चुनें, भले कम लोग हों लेकिन गुणवत्ता वाले हों।
- खुद भी ऐसा इंसान बनें, जिसे देखकर दूसरे प्रेरित हों।
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