जैसे खाए अन्न, वैसे होए मन— यह एक पुरानी और बहुत गूढ़ (गहरी) भारतीय कहावत है, जिसका अर्थ है:

"हम जैसा अन्न (खाना) खाते हैं, वैसा ही हमारा मन (विचार, सोच, स्वभाव) बनता है।"


🌾 विस्तार से अर्थ:

यह कहावत बताती है कि खाने का हमारे मन, शरीर और सोच पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

हमारा शरीर तो जो हम खाते हैं उससे बनता ही है, लेकिन हमारा मन भी उस भोजन की ऊर्जा, प्रकृति और गुणों से प्रभावित होता है।


🔍 मुख्य बातें:

  1. भोजन केवल शरीर नहीं, मन को भी प्रभावित करता है
    – यदि हम सात्विक, शुद्ध और ताजा भोजन खाते हैं तो मन शांत, स्थिर और सकारात्मक रहता है।
    – यदि हम तामसिक (जैसे अधिक तेल, मसाले, बासी या मांसाहार) भोजन खाते हैं, तो मन अधिक चंचल, क्रोधित या सुस्त होता है।

  2. भोजन की उत्पत्ति और भावना का प्रभाव
    – खाना किस भावना से बना है (जैसे प्यार से, गुस्से से, जल्दबाज़ी में), इसका असर खाने वाले के मन पर भी होता है।
    – यही कारण है कि माँ का बनाया खाना, या भक्ति से बना प्रसाद खास लगता है।

  3. भोजन का स्रोत और स्वभाव
    – जैसे मांसाहार (मृत प्राणी से आया) — उसमें हिंसा की ऊर्जा मानी जाती है।
    – फल-सब्ज़ी, अनाज आदि – प्रकृति की देन, जीवंत और सौम्य माने जाते हैं।


🍽️ उदाहरणों सहित समझिए:

🟢 सात्त्विक भोजन (शुद्ध, हल्का, संयमित)

जैसे: फल, हरी सब्ज़ियाँ, दाल, दूध, घी, साबुत अनाज
➡ मन शांत, एकाग्र, प्रसन्न
उदाहरण: एक योगी या साधु सात्त्विक भोजन करता है ताकि ध्यान ठीक से लग सके।


🔴 राजसिक भोजन (तीखा, मसालेदार, अत्यधिक मात्रा)

जैसे: चटपटा, तला-भुना खाना, अधिक चीनी/कैफीन
➡ मन चंचल, उतावला, कामनाओं से भरा
उदाहरण: पार्टी, शादी में चटपटा खाना खाकर कई बार हम बेचैन या बहुत उत्तेजित महसूस करते हैं।


तामसिक भोजन (बासी, मांस, शराब, जंक फूड)

जैसे: बासी खाना, मांस, शराब, बहुत तला हुआ खाना
➡ मन आलसी, निराश, गुस्सैल
उदाहरण: कोई व्यक्ति जो हमेशा फास्ट फूड, शराब आदि लेता है, उसका स्वभाव चिड़चिड़ा और उदासीन हो सकता है।


📿 आध्यात्मिक दृष्टि से:

  • अन्न में चेतना होती है।
  • जो अन्न हम खाते हैं, वह हमारे विचारों, भावनाओं, और कर्मों को प्रभावित करता है।

🧘 निष्कर्ष:

"जैसे खाए अन्न, वैसे होए मन" कहावत हमें याद दिलाती है कि:

  • अगर हम शुद्ध, संतुलित और भावनाओं से बना खाना खाएं,
  • तो हमारा मन भी शुद्ध, स्थिर और सकारात्मक बना रहेगा।


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